Friday, June 11, 2021

दिल करता है...

 

दिल्ली का दिल सी पी
सच में अब दिल करता है. घर से निकल जाऊं. मेट्रो पकड़कर सीपी पहुंच जाऊं. हो आऊं गणेश मंदिर के बाद हनुमान मंदिर. ले आऊं वो बूंदी का प्रसाद जिसे हम बाप-बेटी बड़े चाव से खाते थे. और है क्या? ये हम बाप-बेटी हर बार कहते थे. फिर सामने के कॉफ़ी होम में घुस जाऊं. पी आऊं एक कॉफ़ी. देख आऊं उन बुजुर्गों को, जो खूब गप्प लड़ाते थे. बीच-बीच में जमकर ठहाके भी लगाते थे. निकल फिर इधर से पहुंच जाऊं उस पंजाबी टी स्टाल पर, जिसके पनीर पकौड़े-हरी चटनी के साथ गजब का आनंद देते थे. खाकर इसे फिर लगा आऊं सीपी के इनर सर्किल का एक चक्कर. जी भर के रंग-बिरंगी चीजों को देख लूं. अगर कुछ दिल को भाए तो मोबाइल से उनकी तस्वीर भी खींच लूं. लगे सताने जब गर्मी तो Chaayos का रुख कर लूं. बैठ फिर एक चाय के बहाने दो घंटे तक दोस्त के साथ गप्पे लडाऊं. कभी फिल्मों की बातें करूं, कभी पसंदीदा लेखकों के किस्से सुनाऊं. और नेताओं के किए जुमलों की भी खूब धज्जियां उडाऊं. जब कुछ प्रेमी जोड़े सीट का इंतजार करते दिखे तो झट से मैं फिर उठ जाऊं. निकल जाऊं उधर को जिधर कोई अपने हक़ के लिए लड़ रहा है. और कोई दूसरों की आवाज बुलंद कर रहा है. कुछ देर कर लूं इनसे बात. कुछ देर सुन लूं इनकी भी मन की बात. फिर कुछ देर बाद चार कदम बढ़ा लूं उस तरफ, जिस तरफ मेरा पसंदीदा जायका मिलता है. फिर पी लूं कई गिलास केरला हाउस कैंटीन की उस लस्सी को, जिसके पीने के बाद मुझे एक अलग ही दिव्य आनंद मिलता है. पहुंच जाऊं पैदल ही फिर मंडी हाउस. एक बार निहार लूं जी भरकर रविन्द्र आर्ट गैलरी को. मिल आऊं साहित्य अकादमी के पुस्तकालय की उन किताबों से, जिनसे मिले एक साल से ज्यादा हो गया. फिर चला जाऊं श्रीराम सेंटर की कैंटीन में भी, जिसकी चाऊमीन मुझे सबसे ज्यादा पसंद है. खिला आऊं उन बिल्लियों को भी कुछ, जो मेरे चाऊमीन खाने पर मेरे आपपास घूमती रहती थीं. मिल आऊं बंगाली मार्किट के उस मैगज़ीन वाले से भी, जिससे मैं कुछ मैगज़ीन खरीद लिया करता था. चाहे वो तहलका हो, नया ज्ञानोदय, या फिर अहा जिंदगी....
खैर दिल का क्या है. वो तो बच्चा है जी, कोई बात नहीं दो चार बार छटपटाएगा. फिर शांत जाएगा. वैसे भी अब तो मेरा दिमाग मेरे दिल को बार-बार बच्चन जी की वो पंक्तियां याद दिलाता रहता कि 'मन का हो तो अच्छा, ना हो तो और भी अच्छा.'

नोट-Covid के इस दौर में अब घर में नहीं रहा जाता. घर की कैद से निकलने को दिल चाहता है. बस ये उसी दिल की बात है. और फोटो The Family Man Part-2 से लिया गया है.

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