बेटी के नन्हें-नन्हें हाथ अब बड़े होने लगे हैं
खिलौनों के साथ-साथ किताबें पेंसिल भी पकड़ने लगी है।
जबान अब इसकी तुतलाती नहीं है
द, आ का डंडा, दा, द ऊ की मात्रा, दू, दादू पढ़ने लगी है।
फरमाईशें छोटी-छोटी करती है
सपने बड़े-बड़े देखती है।
कभी अकेले कमरे में बच्चों को पढ़ाती मिलती है
और कभी हम सबको सुई लगाती फिरती है।
स्कूल जाते वक्त कभी रोती नहीं
होम-वर्क किए बगैर कभी सोती नहीं।
कभी-कभी सहेलियों की देखा-देखी
गाड़ी से स्कूल जाने को कहती है,
लेकिन समझाने पर पैदल ही मुस्कराती चली जाती है।
देख कर इसकी मासूमियत दिल भर आता है
फिर इसके बड़े-बड़े सपनो की खातिर,
दिन-रात एक करने को जी चाहता है।
- नैना के पापा
7 comments:
देख कर इसकी मासूमियत दिल भर आता है
फिर इसके बड़े-बड़े सपनो की खातिर,
दिन-रात एक करने को जी चाहता है।
Sach! Kitna pyara bachpan hota hai! Bitiyakee maasoomiyat sada barqaraar rahe yahee dua hai!
@देख कर इसकी मासूमियत दिल भर आता है
फिर इसके बड़े-बड़े सपनो की खातिर,
दिन-रात एक करने को जी चाहता है।
प्यारी बिटिया के जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनायें!
नि:शब्द।
पिता के भावों को पढना और उस पर कुछ लिखना कम से कम मेरे लिये असंभव है क्योंकि मैं इन खूबसूरत भावानाओं में डूबा रहन चाहता हूं।
Sapne Jaroor Poore Honge...
MeeT
नैना के पापा नैना की आँखो के हर सपने को पूरा कर सकें ऐसी ईश्वर उन्हे सामर्थ्य दे। नैना को बहुत बहुत प्यार्।
बिटिया देखते देखते पांच साल की हो गई, उसको जनम्दिन की हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
Love n blessings for Naina. :-)
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