मुखौटे
पत्थरो के इस जहाँ में इंसानियत को ढूढता हूँ
मैं ना जाने क्यूँ भगवान को ढूढता हूँ।
टेढे रास्ते चलोगे सब साथ हो लेंगे
सीधे रास्ते चलोगे सब साथ छोड़ चलेंगे
ये दुनिया वाले चेहरो पर मुखौटे लगाते मिलेगे।
भावुक आदमी मिला तो इस्तेमाल कर लेंगे
चालाक आदमी मिला तो सलाम कर देंगे
ये दुनिया वाले चेहरो पर मुखौटे लगाते मिलेगे।
जरुरत पड़ने पर माँ-बाप का हाथ थाम लेंगे
आया जब हाथो में जोश, माँ-बाप के साये से भाग लेंगे
ये दुनिया वाले चेहरो पर मुखौटे लगाते मिलेगे।
अच्छे का दम भरते लोग गाँधी, भगत सिंह की जय-जय कार करते मिलेगे
पर अपने बच्चो में गाँधी, भगत सिंह के विचार पैदा नहीं करेंगे
ये दुनिया वाले चेहरो पर मुखौटे लगाते मिलेगे।
किसी के जीते जी उसके दुख में शामिल ना होंगे
पर उसके मृत शरीर के पास दिखावटी अफसोस जताते मिलेगे
ये दुनिया वाले चेहरो पर मुखौटे लगाते मिलेगे।
भगवान भक्त धार्मिक जगहों पर ईश्वर को पूजते फिरेंगे
देखना ये सब तरफ ईश्वर के बनाये बंदे को कष्ट देते मिलेगे
ये दुनिया वाले चेहरो पर मुखौटे लगाते मिलेगे।
पत्थरो के इस जहाँ में इंसानियत को ढूढता हूँ
मैं ना जाने क्यूँ भगवान को ढूढता हूँ।
4 comments:
आपका ई-मेल आज पढा "वायरस रीमुव वाला"
यदी आपके पास mcafee का साफटवेयर है तो आप अपना पुरा सीस्ट्म स्कैन कर लें आर AVG से भी पुरा सीस्ट्म scan कर लें। अगर कोई दुसरा वायरस दीखता है तो रीमुव कर दे और जो आपने बताया की js/psyme रीमुव नही हो रहा है।
AVG anti-spyware के "Analysis" मे "Process" मे उस फाईल या जो भी उसका नाम हो जैसे "SysTEM.js.exe" ईसे "process" लीसट मे खोजे और जैसे ही मील जाए तो एक बार क्लिक कर के नीचे "Terminate application(s)" पर क्लिक कर दे और "yes" पर क्लिक कर दें। फीर वो वायरस जहां भी हो वहां जा के उसे डीलीट कर दें या स्कैन कर के रीमुव कर दें।
दुनिया मतलब की है बन्धुवर...
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैँ लोग
अच्छे कटाक्ष..लेकिन साफ्ट भाषा में....
आप अपनी शैली को तीखा...और तीखा...धारदार बनाएं तो ज़्यादा पसन्द की जाएंगी आपकी रचनाएं
susheel ji
ek to "saleeb" aur phir aapki ye post .. aaj din kuch jyada hi bhaari hai mujh par ...
aapne zindagi ki sacchai ko khol kar rakh di hai ..
yaar , ye duniya bahut kharaab hoti ja rahi hai ..
mera man aaj theek nahi hai , subah "saleeb" likha . phir meetings , ab main " naina " par kuch likhta hoon , kyonki,main ab business tour par ja raha hoon ..
aapka
vijay
aapki nazm ne to nishabd kar diya.
bahut gahre bhav hain................har ptthar mein bhagwan kahan milte hain sushil ji.
ek ek shabd bejod aur satya ko vyakt karta hua.
hum to kya likhenge jo aapne kah diya.
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