बुत
देखो उस बुत को
कैसा चमक रहा हैं
कितनी जगह घेरे हैं
कितना पैसा खर्च किऐ हैं
अपनी शान के नाम पर
बिल्कुल तुम्हारी तरह
कुछ समय बाद देखना उस बुत को
कोई थूकेगा
पक्षी बीट करेगे
बच्चे पत्थर से हिट करेंगे
अपना निशाना ठीक करेंगे
इसलिए
नेताओ
अब भी समय हैं
संभल जाओ
कुछ ऐसा कर जाओ
आने वाली पीढ़ियाँ नाज करें
शान से तुम्हारी बात करें
14 comments:
नही समझेंगे भाई.....देखना ४-५ बुतों के आर्डर जा चुके होंगे आज सुबह ही...
सही कह रहे हैं आप....बच्चे पत्थर से हिट
करेंगे निशाना ठीक करेंगे...बढ़िया लेकिन क्या करें ये नेता पत्थर और किसी भी तरह की बीट के सिवा कुछ पाने के हकदार भी नहीं हैं। बुत लगने पर दूसरा नेता बड़ा खुश होता है। मन ही मन सोचता है कि अब आएगा मजा जब पक्षी करेंगे पॉट्टी इन पर।
सही चेतावनी दी है आपने.
बहुत ही करार कटाक्ष.
ये नेता ..... जो नही करना चाहिए वही करते हैं यह नेता
ये नेता हैं.... सुधर ही नहीं सकते। इनके लिए पक्षी की बीट और बच्चों का पत्थर से हिट करना कोई मायने नहीं रखता।
आपकी रचना बहुत अच्छी है।
इसलिए
नेताओ
अब भी समय हैं
संभल जाओ
कुछ ऐसा कर जाओ
आने वाली पीढ़ियाँ नाज करें
शान से तुम्हारी बात करें
बहुत अच्छा लिखा है। बधाई स्वीकारें।
सटीक..वाह!वाह! आनन्द आ गया.
इसलिए
नेताओ
अब भी समय हैं
संभल जाओ
कुछ ऐसा कर जाओ
आने वाली पीढ़ियाँ नाज करें
शान से तुम्हारी बात करें
क्या ऐसा सम्भव है ? मुझे तो नही लगता .रचना बहुत अच्छी लिखी है आपनी
और किसी दिन कोई
भीड़, मन से बनकर भेड़
ताकत लेकर गज की
गिरा देगी बुत को
सद्दाम की तरह
तोड़ देगी, फोड़ देगी
अवैध कब्जा जमीं पर
खाली करा लेगी।
नेता नहीं संभलेंगे
वे लीडर भी हैं
निडर भी हैं
उन्हें भय नहीं लगता
चाहे बच्चे लातों से
मारें फुटबाल को
और लगे जाकर वो
बुत को या सच नेता को।
अविनाश वाचस्पति
मुद्दतों पहले बहरे हो चुके कानों तक अपनी आवाज़ पहुँचाने की अच्छी कोशिश .....तालियाँ
bahut hi sateek lagi aapki kavita
NEta ji samjh jaaye to bhala ho
aapne bhaut achhe se likha hai
gudh arth liye kavita par bhaut bahut badhayi
सुशील जी
बहुत सही बात कही है आपने...क्या ही अच्छा हो जो इसे हमारे सब नेता पढ़ें और गुने
नीरज
bhut satik. ati uttam.
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