Thursday, January 2, 2025

बस तुम सोचो

मैंने पूछा अपने आप से
ये भी कोई साल है यार
इस नए साल में नया क्या है?
वही सूरज है
वही चाँद है
वही तुम हो
वही मैं हूँ
वही तकलीफें हैं
वही मुश्किलें हैं
और
वही डर
सब संग-संग ही तो हैं।
फिर आई एक आवाज
ना-ना
सुनो तुम मेरी बात
नया जैसा कुछ नहीं होता है
नया तो बस एहसास होता है
तुम सोचा यह नया साल है
यह उसका सुंदर-सा पहला दिन
बस तुम सोचो
और चुरा लो
इन तकलीफों में से
इन मुश्किलों में से
एक पल
और फिर मुस्करा दो
अपनी ही किसी भी बात पर
और
बस तुम सोचो
यह नया साल है!

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