Saturday, August 23, 2025

'ऑक्सफ़ोर्ड बुकस्टोर' और हम बाप-बेटी

कल कनॉट प्लेस (सीपी) किसी काम से जाना हुआ. काम खत्म होने के बाद बेटी कहने लगी कि चलो पापाजी 'ऑक्सफ़ोर्ड बुकस्टोर' चलते हैं. और हम उधर की ओर चल दिए. सालों के बाद जाना हुआ 'ऑक्सफ़ोर्ड बुकस्टोर'. पहले की अपेक्षा यह अब थोड़ा खुला-खुला सा लग रहा था.घुसते ही बेटी चहक-सी गई. फिर इसके बाद इसने ना जाने कितनी किताबों और लेखकों से परिचय कराया,जिनके बारे में मुझे पता नहीं था.सबके सब विदेशी लेखक थे. 

दो-चार नाम जो याद रह गए. 'Fredrik Backman', 'Haruki Murakami', 'Khalid Hoosseini', 'Kristin Hannah' आदि आदि.

बल्कि बेटी 'Before the Coffee Gets Cold-Toshikazu Kawaguch (आजकल इसी किताब को पढ़ रही है.) किताब को उठाकर मुझे दिखाते हुए बोली,'पापाजी देखो मेरी किताब भी यहां है.' 

मैं बीच ही में बोल उठा,' ये किताब आप ऐसे दिखा रही है जैसे आप ही की लिखी  हो.' 

वो कहां रुकने वाली थी झट से बोलीं,' ओ हो पापाजी! पता है जब आप किसी चीज या आदमी को पसंद करने लगते हैं तो वो चीज अपनी और इंसान अपना ही लगने लगता है.' 

'हां ये बात तो है. जैसे शाहरुख खान मुझे अपना-सा लगता है. उनकी फिल्म हीट हो जाए तो अच्छा लगता है. बेशक वो फिल्म आपने देखी हो या ना देखी हो.'

फिर वो बीच-बीच में अपनी पसंद की किताबें दिखाती रही. फिर एक जगह रुकी और बोली,' पापाजी ये देखो 'Rom-Com Books'.' 

'Rom-Com Books' मतलब.' मैं बोला. ' सच आपको 'Rom-Com Books' का नहीं पता. 'Rom-Com Books' मतलब 'रोमांटिक कॉमेडी' वाली किताबें.' वो बोली. 

सच मुझे आज से पहले 'Rom-Com' किताबों के बारे में नहीं पता था.और सच बताऊं तो मैंने विदेशी लेखकों की ज्यादा किताबें नहीं पढ़ी हैं, जिन्हें पढ़ा है उन्हें उंगलियों पर गिना जा सकता है. लेकिन हां हिंदी के लेखकों को तो खूब पढ़ा है. और उनका परिचय बेटी से भी कराया था. उनके किस्से बेटी को सुनाएं भी थे. लेकिन तब जब उसे इतनी समझ नहीं थी,जितनी आज अब है. इसे यूं ही भी कह सकते हैं, मैंने पहले बेटी को हिंदी के लेखकों से मिलवाया था. बेटी कल विदेशी लेखकों से परिचय करवा रही थी.

बाद में जब हम 'ऑक्सफ़ोर्ड बुकस्टोर' से निकलने लगे तो मैंने 'ऑक्सफ़ोर्ड बुकस्टोर'वालों के नोटिस में अपनी यह बात डाली कि यहां हिंदी की किताबें कम है.अगर हो सके इनकी संख्या को बढ़ा जाए. वहां के कर्मचारी ने यह विश्वास दिलाया कि आपकी बात को प्रबंधकों तक पहुंचा दिया जाएगा. सच में 'ऑक्सफ़ोर्ड बुकस्टोर' में हिंदी किताबों की संख्या कम थी. बल्कि  यूं कहूं कि उससे ज्यादा हिंदी की किताबें तो मेरे कमरे में हैं. ये कहना ज्यादा सही होगा. 

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