आज का दिन खास हैं
सबको प्यारा सा अहसास हैं
आज के दिन खिली थी एक कली
एक गाँव के गौबर से पूते आँगन में।
देखकर दुनिया यह हल्की सी मुस्कराई थी
चारपाई पर लेटे-2 नन्हें पैरों से फिर साईकिल चलाई
पग-पग चलती रही, धीरे-धीरे बढ़ती रही ।
सहेलियों संग गिटों से खेलती रही
आईस-पाईस में छिपते छिपाते
गाँव की पाठशाला में क ख ग घ पढती रही
गुड्डे गुडिया की दुनिया भी बसाती रही।
जब आई बाली उम्र
छोटे बड़े सपने सतरंगी बुनती रही
पर जब देखी परम्परा की रीति
सीखी कढ़ाई-बुनाई और खाने की विधि
माँ ने याद दिलाई दादी की बातें
"बेटियाँ होती हैं पराई"
डोली में बैठकर फिर सजन घर चली।
पर उसने दूसरी राह भी सपनों में रची थी
जब वह अपने नाम से जानी जाऐगी
रुढ़ियों की छाया से दूर होकर
अपनी एक अलग पहचान बनाऐगी
इसलिए साथ उसने यह दूसरी राह भी चुनी
करके एम. ए, लगी वो फिर बच्चों को पढ़ाने।
फिर वो दिन भी खास होगा
जब गर्व का अहसास होगा
जब ये कली पूरा फूल बनेगी
मैडम से प्रिंसीपल मैडम बनेगी।
फिर वो दिन भी खास होगा
ReplyDeleteजब गर्व का अहसास होगा
जब ये कली पूरा फूल बनेगी
मैडम से प्रिंसीपल मैडम बनेगी।
Anek shubhkamnaon sahit..aameen!
susheel ji ,
ReplyDeletebadi jabardasht composition hai bhai .... padhkar iraado ki mazbooti pata chali ...
bhai , meri bhi badhyi sweekar kariye...aur mithayi taiyaar rakhiye ....
aapka hi
vijay
'माँ ने याद दिलाई दादी की बातें
ReplyDelete"बेटियाँ होती हैं पराई"
डोली में बैठकर फिर सजन घर चली।'
-१२ एप्रिल जनमदिन किसी ख़ास का है..कविता पढ़कर लग रहा ही की आप की बहन हैं.उन्हें हमारी तरफ़ से जनमदिन की बहुत बहुत बधाई और
' मैडम से प्रिंसीपल मैडम बनेगी।'-.बिल्कुल..-शुभकामनाएँ.
****बहुत ही सुंदर कविता भेंट की है आप ने.
@नैना ,आप सही कह रही हो.आप की मम्मी से बात करेंगे हम ..ओके?
ReplyDeleteआप को सारी किताबें अपनी निगरानी में दें देंगी...
:)be happy and keep smiling!
अनेक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteroman me likh kar tippani dene me ab mazaa nahi aataa ji, isliye..baad me likhenge..ghar par beth kar..kavota padhhi, fir padhhi..fir padhhi..kyaa behatreen he..//shesh ghar se likhungaa...
ReplyDeleteबहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ लिखी है आपने सुशील जी बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDeleteअल्पना जी कल नैना की मम्मी का जन्मदिन था।
ReplyDeletechaliye ek sath do kiye aapne is kvita se humein aur bhabhiji ko ek sath khush kar diya.
ReplyDeletemeri taraf se bhi unhein janmdin ki hardik badhai.
@ बेटी की बातें
ReplyDeleteचिंता की कोई बात नहीं..बस परीक्षाएं पास आने दो. सारी किताबें तुम्हें ही लौटा दी जाएंगी और उन्हें पढ़ने कि लिए जो जान खाई जाएगी वो अलग :)
कविता पढ़ के ही समझ गयी थी कि किसी न किसी का जन्मदिन तो है ...पर मेरा ध्यान पहले आपकी बहन की ओर गया ...बचपन का ज़िक्र था न ....
ReplyDeleteखैर .....भाभी जी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं ....
दुआ है वे आकांक्षाओं को पूरा करते हुए एकदिन प्रिंसिपल के पद पे भी पहुंचे .....!!.
इस आशावाद को सलाम ।
ReplyDeleteआपने जिनके लिए यह कविता लिखी है... उन्हें लाख बधाई....
ReplyDeleteऔर इश्वर से कामना करता हूँ की जल्दी ही वो आपका सपना पूरा करें....
कविता बेहद ही ख़ास है... और इसकी तारीफ़ के लिए शब्द नहीं हैं मेरे पास...
मीत
Mazboot aur nek irade!
ReplyDeleteEeshwar kare ki saakaar ho!
Shubhkamnaen!
फिर वो दिन भी खास होगा
ReplyDeleteजब गर्व का अहसास होगा
जब ये कली पूरा फूल बनेगी
मैडम से प्रिंसीपल मैडम बनेगी।
.....bachpan se lekar ab tak ki yaad taaji kar dee aapne..
Shubhkamnayen
कविता पढ़ के समझ तो आ ही गया था की किसी न किसी का जन्मदिन जरूर है लेकीन अभी कमेन्ट पढ़ के पता भी चल गया की जन्मदिन किसका था ....खैर लेट से मुबारकबाद देने के लिए क्षमा चाहता हूँ.....भाभी जी को बिलेटेड हैप्पी बर्थडे :) कविता शानदार थी
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