Friday, August 15, 2008

15 अगस्त ,

आज आज़ादी का दिन हैं। आप सभी देशवासियों को ढेरों शुभकामनाऐं।


आज़ादी का दिन

सूखी ड्डियों की काया
चिथड़ो में लिपटी हुई
कंधे पर टाँगे एक पोटली
पीठ पर बाँधे जिगर का टुकड़ा
नीले अम्बर के नीचे
विचारों की जुगाली के अड्डे
इंडिया हैबिटेट सेंटर के चौराहे पर
दो रोटी और थोड़े से दूध के वास्ते
बेच रही थी
एक एक रुपये में एक एक तिरंगा
यही हैं आजादी का रंग बदरंगा
और जब पड़ी तेज बारिश
तो तिरंग़ा लुगदी बन गया
न मिली रोटी न मिला दूध
भूखा पेट दूध रोटी के सपनों मे खो गया


नोट: अविनाश जी के मार्गदर्शन के बिना यह तुकबंदी पूरी नही हो पाती, इसलिए सप्रेम उनकी बहुत मेहरबानी।

17 comments:

  1. आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं।

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  2. स्वतंत्रता दिवस की आपको भी बधाई

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  3. स्वतंत्रता दिवस की आपको भी बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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  4. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाऐं ओर बहुत बधाई आप सब को

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  5. आजाद है भारत,
    आजादी के पर्व की शुभकामनाएँ।
    पर आजाद नहीं
    जन भारत के,
    फिर से छेड़ें संग्राम
    जन की आजादी लाएँ।

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  6. आजादी के दिन
    से रात तक का
    सफर, जिसमें
    फहरा रहा है
    तिरंगा फर फर
    भूखे पेट से डर
    सपने में बन निडर।

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  7. शुभकामनाएं पूरे देश और दुनिया को
    उनको भी इनको भी आपको भी दोस्तों

    स्वतन्त्रता दिवस मुबारक हो
    badhi aapko bhi or avinash g ko bhi

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  8. स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।

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  9. स्वतंत्रता दिवस के इस पवन पर्व पर सभी ब्लॉगर मित्रो को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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  10. स्वतंत्रता दिवस की बधाई

    विचारों की जुगाली के अड्डे

    इंडिया हैबिटेट सेंटर के चौराहे पर

    दो रोटी और थोड़े से दूध के वास्ते

    बेच रही थी

    एक एक रुपये में एक एक तिरंगा

    यह भी एक कटु सच है ..

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  11. यही है आजादी....जिसका गला फाड़-फाड़कर जश्‍न मनाया जा रहा है.

    बहरहाल शुभकामनाएं तो ले ही लीजिए :)

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  12. हमें आज़ाद हुए साठ बरस हो गए...फिर भी कटु सत्य यही है कि आज भी कई लोग भूखे पेट सोते हैँ... :-(

    सरल शब्दों में सच्चाई को ब्याँ कर कड़वा सच कहती आपकी कविता पसन्द आई....

    आपके साथ-साथ अविनाश वाचस्पति जी को भी बहुत-बहुत धन्यवाद

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  13. jhandaa uncha rahe humaara.badhai aapko swatantrata divas ki

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  14. भारत की आजादी सिर्फ राजनैतिक है, यहां की जनता को आर्थिक आजादी तो कभी मिली ही नहीं। वैसे जो भी जैसी भी आजादी है, आपसबों को ढेर शुभकामनाएं।

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  15. अच्छी है सुशील जी।
    शुभकामनाएँ आपको भी स्वतंत्रता दिवस की।

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  16. कडवा सच बयां किया है आपने.

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