किसी को फसल के अच्छे दाम की तलाश,किसी को काम की तलाश,किसी को प्यार की तलाश, किसी को शांति की तलाश, किसी को खिलौनों की तलाश,किसी को कहानी की तलाश,किसी को प्रेमिका की तलाश, किसी को प्रेमी की तलाश,................ तलाश ही जीवन है
सुशील जी बहुत सच्ची बात लिख दी आप ने इन चंद असरदार पंक्तियों में...मुझे इन्हें पढ़ कर उर्दू का एक पुराना शेर याद आगया..आप भी सुनिए. "अच्छा है दिल के पास रहे पासबाने अक्ल (अक्ल का पहरेदार) लेकिन कभी कभी इसे तनहा भी छोडिये" नीरज
theek kahte ho bhai.......
ReplyDeleteसुशील जी
ReplyDeleteबहुत सच्ची बात लिख दी आप ने इन चंद असरदार पंक्तियों में...मुझे इन्हें पढ़ कर उर्दू का एक पुराना शेर याद आगया..आप भी सुनिए.
"अच्छा है दिल के पास रहे पासबाने अक्ल (अक्ल का पहरेदार)
लेकिन कभी कभी इसे तनहा भी छोडिये"
नीरज
दिल और दिमाग की इसी ज़ंग में वक्त आगे निकल जाता है .सही कहा आपने
ReplyDeleteसही फ़रमाया बंधु, ऐसे मौके कभी-कभी नहीं रोज़ ही आते हैं मगर हम खुद के प्रति ही इतने संगदिल हो जाते हैं कि पहचान तक नहीं पाते ऐसे मौकों को।
ReplyDeletesahi baat ko kam sabdo me kahane ke liye badhai. jari rhe.
ReplyDeleteबहुत बढिया!!
ReplyDelete"खुशी" सामने बाहें फैलाऐ खड़ी होती हैं
आदमी खुलकर उसे गले लगा नही पाता हैं
bahut acha likha hai sushil bhai...
ReplyDeleteajkal zindagi main kuch isi tarah ke halat se guzar raha hoon...
padhkar bahut acha laga..
सही कहा आपने. बहुत बढिया!
ReplyDeleteकम शब्द ...असरदार बात कोई आपसे सीखे
ReplyDeletebahut achcha laga aapka andaaz...
ReplyDeletekam shabdon mein gahri baat kah di aapne
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